एक बादशाह का एक मस्जिद के सामने से गुजरना हुआ उसने देखा अजान हो रही है मगर एक भी नमाजी नही आया ।बादशाह ने मुअज़्ज़िन से कहा की एक बार और अजान दो ।
दूसरी बार अजान सुन कर बहुत से मुसलमान वहाँ जमा हो गए और दुबारा अजान कैसे दी इस बात पर मुअज़्ज़िन से झगड़ने लगे ।
बादशाह ने कहा जब पहले अजान हुई तो नमाज के लिए नहीं आए दुसरी अजान सुनकर झगड़ा फसाद के लिये आ गये ।आज हम मुसलमानों का यही हाल है हमारे पास नमाज के लिए समय नहीं है । मौलवी या मुअज़्ज़िन से ज़रा सी गलती पर उनकी गलतियों पे गलती निकालने और झगड़ा करने का टाइम हैं ।
अल्लाह हमे फसादो से बचाऐ और नमाजी बनाऐ आमीन!
A king was passing in front of a mosque, he saw azaan happening but not a single prayer came. The emperor asked the muezzin to give one more prayer.
Hearing the azaan for the second time, many Muslims gathered there and started quarreling with the muezzin on how to give azaan again.
The emperor said that when the first azaan took place, he did not come for namaz, after hearing the second azaan, the quarrel came for the quarrel. This is the condition of us Muslims today, we do not have time for namaz. It's time to scoff and quarrel with the Maulvi or Muezzin over the slightest mistake.
May Allah save us from our troubles and make us worshipers, Amen!
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