अगर औरंगज़ेब इतना बड़ा ही ज़ालिम था जितना बताया जा रहा है फिर इन सवालों का जवाब कौन देगा 49साल…
औरंगजेब इतना ही ज़ालिम और हिंदू धर्म विरोधी थे तो उनके 49 साल की हुकूमत में देश के तमाम पुरातन मंदिर कैसे बच गए ? उनकी आधी जिंदगी तो डेक्कन में गुज़री और वहां तो उन्होंने कोई मंदिर नहीं तोड़ा। यहां तक कि मदुरई का महत्वपूर्ण मिनाक्षी मंदिर का वर्तमान स्वरुप 1623 और 1655 ई के बीच उंनके ही शासन में बनाया गया। उन्होंने इसे बनने से तो नहीं रोका। ध्यान दीजिए कि भारत पर उनका शासन 1658 से लेकर 1707 में उनकी मृत्यु तक चला और इसके पहले वह दक्षिणी राज्यों के ही बादशाह थे और अपने जीवन के अंतिम 30 साल दक्षिण से ही देश पर शासन किया मिनाक्षी मंदिर शान से बनता रहा दिल्ली स्थित भगवान गौरीशंकर का मंदिर औरंगजेब ने अपने प्रिय सलाहकार अप्पा गंगाधर पर प्रसन्न होकर बनवाया था। ऐसा कैसा हिन्दू विरोधी ? औरंगजेब इतने ही हिन्दूकुश और मंदिर तोड़क थे तो उन्होंने मथुरा, उज्जैन के महाकालेश्वर से लेकर चित्रकूट तक दर्जनों मंदिरों को बनाने में मदद क्यों की ? इन मंदिरों के तमाम पुजारियों को मंदिर चलाने के लिए मुफ्त में जागीरें क्यों दीं उन जागीरों के लगान क्यों माफ किया ? औरंगजेब इतने ही हिन्दूकुश थे तो उनकी