गांधी को मारने वाले गोडसे याद हैं लेकिन बचाने वाले को हमने भुला दिया।
गांधी को मारने वाले गोडसे याद हैं लेकिन बचाने वाले बतख मियां को हमने भुला दिया। गांधी न होते, तो शायद यह देश आजा़द भी न होता। बत्तख मियां अंसारी को जन्मदिन पर लाखों सलाम! नाथुराम गोडसे को कौन नहीं जानता जो महात्मा गांधी का हत्यारा है. इसके बावजूद कुछ लोग इसकी पूजा करते हैं। मगर आजा़दी से लग-भग 30 साल पहले जब गांधीजी एक अंग्रेज़ की कोठी में डिनर कर रहे थे तो बत्तख मियां के हाथ में सूप का कटोरा था, सूप में ज़हर मिला हुआ था. बत्तख मियां ने सूप का कटोरा तो गांधी को थमा दिया, मगर साथ ही यह भी कह दिया की इसे न पिये, इसमें ज़हर मिला है। गांधी की मौत या जन्म पर लोग उनके याद करते हैं साथ ही गोडसे को भी हत्यारा के रूप में याद किया जाता है, मगर बत्तख मियां लगभग गुमनाम ही हैं. इस लोकोक्ति के बावजूद की ‘बचाने वाला मारने वाले से बड़ा होता है’। मारने वाले का नाम हर किसी को याद है, बचाने वाले को कम लोग ही जानते हैं। बत्तख मियां, जैसा नाम से ही ज़ाहिर है, पसमांदा थे। मोतीहारी नील कोठी में खानसामा का काम करते थे। यह 1917 की बात है। उन दिनों गांधी नील किसानों की परेशानियों को समझने के लिए चंपारण के इल