Jalaur District ki Real Story (जय_राजतंत्र)
जaलौर जिले से 70 किमी0 दूर कोमता गाँव हैं । वहाँ राजपूत राजाओं ने रियासत काल में एक कुएँ का निर्माण करवाया गया था । यह कुँआ गाँव के बीचोंबीच था । कई दशक पूर्व गाँव के किनारे बहने वाली नदी के विकराल रूप लेने से पूरा गाँव नदी से तबाह होकर नदी में बह गया था । तबाही ऐसी थी कि गाँव के सभी घरों को उखाडऩे के साथ तीस फीट मिट्टी भी साथ ले गई और गाँव के अवशेष तक मिटा दिये । लेकिन उस तबाही के मंजर को अपनी आँखों से देख रहा रियासत कालीन यह कुँआ जस का तस खडा़ रहा । उसके बाद भी आज दिन तक दर्जनों बार नदियाँ आई लेकिन आज भी वह कुँआ सीना ताने वैसे ही खडा़ हैं । पाँच-छः साल पूर्व इस कुएँ से सौ मीटर दूर लाखों रूपये स्वीकृत कर एक पुल का निर्माण किया गया था लेकिन तीन साल पहले आई नदी उसे भी समूल नष्ट कर आगे बढ़ गई ! लेकिन यह कुँआ आज भी रियासतकालीन मजबूत लोगों की मजबूती का प्रमाण दे रहा हैं । वैज्ञानिक युग में नित नये अविष्कारों के साथ मजबूत सीमेंट व सरिये के विज्ञापन तो हम हमेशा देखते हैं लेकिन पांच-दस साल से ज्यादा किसी ईमारत को वो मजबूती नहीं दे पाते हैं। कोमता गाँव की नदी में खडा़ यह कुँआ आज भी ढाई सौ