ऐसे बादशाह पर आरोप लगते शर्म नही आती, शिकार करते समय बच्चे की मौत पर खुद को कोर्ट में…
कुतुब मीनार की बुनियाद रखने वाले जिस बादशाह पर मंदिर तोड़ने का आरोप लगाया जा रहा है उस कुतुबुद्दीन ऐबक के बारे में बचपन में एक कहानी पढी थी एक बार वो शिकार खेल रहे थे, तीर चलाया और जब शिकार के नज़दीक गए तो देखा कि एक किशोर उनके तीर से घायल गिरा पड़ा है कुछ ही पल में उस घायल किशोर की मौत हो जाती है, पता करने पर मालूम हुआ कि वह पास के ही एक गाँव में रहने वाली वृद्धा का एकमात्र सहारा था। जो जंगल से लकड़ियाँ चुन कर बेचता और जो मिलता उसी से अपना और अपनी माँ का पेट भरता था कुतुबुद्दीन उसकी माँ के पास गया, बताया कि उसके तीर से गलती से उसके बेटे की मौत हो गयी है माँ रोते-रोते बेहोश हो गयी फिर कुतुबुद्दीन ने खुद को क़ाज़ी के हवाले किया और अपना ज़ुर्म बताते हुए अपने खिलाफ मुकद्दमा चलाने की अर्ज़ी दी। क़ाज़ी ने मुकदमा शुरू किया मृतक की बूढ़ी माँ को अदालत में बुलाया और कहा कि तुम जो सज़ा कहोगी वही सज़ा इस मुज़रिम को दी जायेगी वृद्धा ने कहा कि ऐसा बादशाह फिर कहाँ मिलेगा जो अपनी ही सल्तनत में अपने खिलाफ ही मुकदमा चलवाए और उस गलती के लिए जो उसने जानबूझ कर नहीं की आज से कुतुबुद्दीन ही मेरा बेटा है