रांची हिंसा: 'मेरे इकलौते बेटे का क्या कसूर था, उसे क्यों गोली मार दी'
मुदस्सिर के चाचा मोहम्मद शाहिद अयूबी असदउद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के ज़िलाध्यक्ष हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके भतीजे को पुलिस ने गोली मारी है. इसके लिए झारखंड सरकार और उसका प्रशासन ज़िम्मेवार है.
शाहिद अयूबी ने FirstTalk India से कहा, "पुलिस के लोग एके-47 और पिस्टल से गोलियाँ चला रहे थे. उन्हें हवाई फ़ायरिंग करनी चाहिए थी, लेकिन पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को निशाने पर लेकर गोलियाँ चलायीं. इसके कई वीडियो वायरल हो रहे हैं. उनमें आप पुलिसकर्मियों को सामने से गोलियाँ चलाते देख सकते हैं."
"मुदस्सिर या कोई भी प्रदर्शनकारी न तो आतंकवादी था, न उग्रवादी. उन पर पुलिस ने गोलियाँ क्यों चलायी. इसका किसने आदेश दिया था. दरअसल देश के अंदर ज़हर फैला दिया गया है. हमारे नौकरशाह भी उसी मानसिकता के अधीन हो गए हैं. इस वजह से ऐसी घटनाएँ हो रही हैं."
24 साल के साहिल की भी मौत
इस फ़ायरिंग में 24 साल के साहिल की भी मौत हुई है. अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक उनकी किडनी में गोली लगी थी, जिसके चलते उन्हें बचाया नहीं जा सका.
हालांकि साहिल के परिवार के किसी भी शख़्स से अब तक संपर्क नहीं हो सका है. प्रदर्शन के दौरान हुई फ़ायरिंग में कई और लोग घायल हुए हैं.
प्रदर्शन में हुई हिंसा के बाद राँची में तनाव का माहौल है. हालाँकि पुलिस ने शुक्रवार शाम से ही जगह-जगह बैरिकेड लगा दिया है.
महात्मा गाँधी मार्ग पर वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया है. अल्बर्ट एक्का चौक पर बैरिकेड लगाकर बैठे अधिकारियों ने बीबीसी को बताया कि यह कार्रवाई सुरक्षा के नज़रिये से की गई है.
सभी वरिष्ठ अधिकारी उपद्रव वाली जगहों पर कैंप कर रहे हैं और स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है.
शुक्रवार की शाम से राँची में इंटरनेट सेवाएँ भी बंद करा दी गई हैं.
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