लीची के फोटो पोस्ट करने पर जेल, नबी पाक पर अमर्यादित टिप्पणी करने वालों को अरबों के….
नुपूर शर्मा वही महिला है जिसकी बयानबाजी की बदौलत मुस्लिम जगत में पीएम मोदी की साख को जो बट्टा लगा है, कई देशों ने भारतीय राजदूत को तलब किया है। लेकिन इसके बावजूद नुपूर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल को गिरफ्तार नहीं किया गया। क़ानून का यह दोहरामापदंड समय-समय पर अक्सर सामने आता रहता है।
भेदभाव इतनी बार किया जाता है कि सामान्य लगने लगता है। लीची की फोटो डालकर धार्मिक भावनाएं आहत करने वाले व्यक्ति को जेल, पैगंबर-ए-इस्लाम पर अमर्यादित टिप्पणी करने वाले ‘फ्रिंज एलिमेंट’ को सुरक्षा! कानून के राज में ऐसा ही होता है? खैर मुसलमानों को तो इस भेदभाव की आदत सी हो गई है, लेकिन याद रखिये जिस समाज में न्याय करने का माद्दा नहीं होता, उस समाज का पतन होने में ज्यादा देर भी नहीं लगती।
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