लीची के फोटो पोस्ट करने पर जेल, नबी पाक पर अमर्यादित टिप्पणी करने वालों को अरबों के….

 


पिछले दिनों लीची की फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले कई व्यक्तियों पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का मुकदमा लादकर उन्हें जेल भेजा गया है। अब ख़बर आ रही है कि दिल्ली पुलिस ने कथित तौर पर नुपुर शर्मा को मिल रही ‘धमकियों’ का संज्ञान लेते हुए न सिर्फ एफआईआर दर्ज की है बल्कि नुपूर शर्मा और उसके परिवार को सुरक्षा दी है।


नुपूर शर्मा वही महिला है जिसकी बयानबाजी की बदौलत मुस्लिम जगत में पीएम मोदी की साख को जो बट्टा लगा है, कई देशों ने भारतीय राजदूत को तलब किया है। लेकिन इसके बावजूद नुपूर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल को गिरफ्तार नहीं किया गया। क़ानून का यह दोहरामापदंड समय-समय पर अक्सर सामने आता रहता है।

भेदभाव इतनी बार किया जाता है कि सामान्य लगने लगता है। लीची की फोटो डालकर धार्मिक भावनाएं आहत करने वाले व्यक्ति को जेल, पैगंबर-ए-इस्लाम पर अमर्यादित टिप्पणी करने वाले ‘फ्रिंज एलिमेंट’ को सुरक्षा! कानून के राज में ऐसा ही होता है? खैर मुसलमानों को तो इस भेदभाव की आदत सी हो गई है, लेकिन याद रखिये जिस समाज में न्याय करने का माद्दा नहीं होता, उस समाज का पतन होने में ज्यादा देर भी नहीं लगती।

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