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जेद्दाह के प्रसिद्ध कलाकार ‘तलाल मदाह’ का घर नहीं गिराने का फैसला ,सभी फैंस के चेहरों पर ख़ुशी
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प्रसिद्ध सऊदी कलाकार तलाल मदाह की बेटी इखलास मदाह ने कहा है कि जेद्दा में उनके घर को नहीं गिराने के उनके पिता के अनुरोध को सऊदी अदालत में मजूरी दे दी गई!
आपको बात दे की अख़बार 24 के न्यूज़ के अनुसार , दिवंगत सऊदी कलाकार तलाल मदाह का घर जेद्दा के दक्षिणी भाग में है जहाँ से उन्होंने अपने कलात्मक जीवन की शुरुआत की और पुरे सऊदी में प्रसिद्धि प्राप्त की।
उनकी बेटी ‘इखलास माधा’ ने अधिकारियों से अपील की थी कि उनके पिता एक प्रसिद्ध व्यक्ति थे। सिर्फ हम ही नहीं, कई लोगों की घर की यादें अच्छी होती हैं, इसलिए उनके घर को न तोड़ा जाये!
इखलास माधा ने आगे कहा अगर उनके पिता का घर को संग्राहलय की तरह भी सुरक्षित कर दिया जाये तोआने वाली पीढ़ी के लिए ये प्रोत्साहन का कार्य करेगी!
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि सऊदी कलाकार तलाल माधा राज्य के एक प्रसिद्ध गायक थे। वह 1980 के दशक में प्रमुख सऊदी गायकों में से एक थे।
कहते हैं अयोध्या में राम जन्मे, वहीं खेले-कूदे, बड़े हुए, बनवास भेजे गये, लौटकर आये तो वहाँ राज भी किया। उनकी ज़िंदगी के हर पल को याद करने के लिए एक मंदिर बनाया गया। जहाँ खेले, वहाँ गुलेला मंदिर है। जहाँ पढ़ाई की, वहाँ वशिष्ठ मंदिर हैं। जहाँ बैठकर राज किया, वहाँ मंदिर है। जहाँ खाना खाया, वहाँ सीता रसोई है। जहाँ भरत रहे, वहाँ मंदिर है। हनुमान मंदिर है, कोप भवन है। सुमित्रा मंदिर है, दशरथ भवन है। ऐसे बीसियों मंदिर हैं, और इन सबकी उम्र 400-500 साल है। यानी ये मंदिर तब बने, जब हिंदुस्तान पर मुगल या मुसलमानों का राज रहा। अजीब है न! कैसे बनने दिये होंगे मुसलमानों ने ये मंदिर! उन्हें तो मंदिर तोड़ने के लिए याद किया जाता है। उनके रहते एक पूरा शहर मंदिरों में तब्दील होता रहा और उन्होंने कुछ नहीं किया! कैसे अताताई थे वे जो मंदिरों के लिए जमीन दे रहे थे! शायद वे लोग झूठे होंगे जो बताते हैं कि जहाँ गुलेला मंदिर बनना था, उसके लिए जमीन मुसलमान शासकों ने ही दी। दिगंबर अखाड़े में रखा वह दस्तावेज़ भी गलत ही होगा जिसमें लिखा है कि मुसलमान राजाओं ने मंदिरों के निर्माण के लिए 500 बीघा जमीन दी। न
पहले दिन संसद की सीढ़ी पर दण्डवत प्रणाम किया और ख़बरों में छा गए, बाद में उसी संसद भवन को ग़ुलामी का प्रतीक बताया गया और करोड़ों रुपया झोंककर नया संसद भवन बनवाया गया। मतलब जिसे प्रणाम किया, वो बर्बाद। बिना वीज़ा के पाकिस्तान चले गए, केक खाया और बताया गया कि पाकिस्तान पर मास्टर स्ट्रोक लगाकर दुश्मनी को दोस्ती में बदल दिया। ओबामा को मुख्य अतिथि बनाया गया, बताया कि ओबामा पुराना दोस्त है। उससे अबे तबे की भाषा में बात करते हैं। फिर ओबामा को दोस्ती से बेदखल करके ट्रंप को दोस्त नियुक्त कर दिया। उसका चुनाव प्रचार भी किया। बाद मे वो दोस्त अमरीका में गिरफ्तार होने वाला पहला पूर्व राष्ट्रपति बना। चीन के राष्ट्रपति को गुजरात ले जाकर झूला झुलाया। ख़बर चली कि साहब के मास्टर स्ट्रोक से चीन के साथ नेहरू कालीन दुश्मनी ख़त्म हुई। बाद मे चीन ने पर्सनल नक्शे जारी करके अरुणाचल को अपना हिस्सा कहना शुरु कर दिया। अचानक टीवी पर आकर नोट बंद कर दिए। खबर चली कि इस मास्टर स्ट्रोक से आतंकवाद और काला धन हमेशा के लिए ख़त्म हो जाएगा। बाद मे पुलवामा और उरी जैसे कांड हो गए। मतलब आतंकवाद नहीं मिटा। ईडी रो
खबर जनपद आज़मगढ़ के थाना मुबारकपुर से है ग्राम गजहड़ा ब्लॉक सठिया तहसील सदर आज़मगढ़ गाटा संख्या 881 उसर पर अवैध कब्जा करवाया जा रहा था 14 जुलाई जिला अधिकारी महोदया को ट्विटर हैंडल के माध्यम से अवगत करवाया गया शिकायत की गई जिला अधिकारी महोदया ने संज्ञान में लिया और एसडीएम सदर को मौके पर भेज कर अवैध निर्माण को रोक्वा दिया गया व दीवार को धवस्त कर दिया गया एसडीएम सदर ने अपनी रिपोर्ट में बताया अवैध निर्माण के साथ-साथ दो लोगों ने
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