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Showing posts from August, 2022

अमिलो के महमूदपुरा ATS को लेकर आज एक बार फिर चर्चा में आया पूरी खबर पढ़े....

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  मुबारकपुर आजमगढ  अमिलो का महमूदपुरा ATS को लेकर आज एक बार फिर चर्चा में आया। कुछ दिनों पूर्व यूपी एटीएस के हत्थे चढ़े संदिग्ध आतंकी सबाउद्दीन की निशानदेही पर ओसामा पुत्र मतीन सहित तीन लोगों को तीन गाड़ियों से पहुंची एटीएस की टीम ने उठा लिया। इस दौरान मुबारकपुर थाना की भी एक अन्य गाड़ी साथ में मौजूद रही।    एटीएस सबसे पहले सबाउद्दीन के घर पहुंची। उसके बाद पास की एक दुकान पर पहुंचकर ओसामा को पूछताछ करने के बाद अपनी गिरफ्त में ले लिया। इसके बाद एटीएस ने लगभग आधा दर्जन स्थानों पर छापेमारी कर गहन छानबीन करने के बाद दो और लोगों को लेकर एटीएस की टीम मुबारकपुर थाना परिसर पहुंची। जहां हिरासत में लिए गए संदिग्धों से काफी देर तक पूछताछ की गई। इस दौरान सूचना के बाद मौके पर पहुंचे मीडिया कर्मियों के कैमरों से फोटो डिलीट करा दी गई और कहा गया कि संवेदनशील मामला है कार्य में अनावश्यक व्यवधान ना डाला जाए। गहन पूछताछ के बाद हिरासत में लिए गए तीनों लोगों को उनके परिजनों के हवाले कर दिया गया। आजमगढ़ के एसपी समेत थाना पुलिस ने इस मामले में कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।  वहीं ओसामा के परिचितों के अनुसार

अगर माफी मांगने से ही रिश्ते टूटने से बच जाए, तो माफ़ी मांग लेनी चाहिए, हर शादीशुदा को ज़रूर पढ़ना चाहिए वरना….

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  राधिका और नवीन को आज तलाक के कागज मिल गए थे। दोनो साथ ही कोर्ट से बाहर निकले। दोनो के परिजन साथ थे और उनके चेहरे पर विजय और सुकून के निशान साफ झलक रहे थे। चार साल की लंबी लड़ाई के बाद आज फैसला हो गया था। दस साल हो गए थे शादी को मग़र साथ मे छः साल ही रह पाए थे।चार साल तो तलाक की कार्यवाही में लग गए। राधिका के हाथ मे दहेज के समान की लिस्ट थी जो अभी नवीन के घर से लेना था और नवीन के हाथ मे गहनों की लिस्ट थी जो राधिका से लेने थे। साथ मे कोर्ट का यह आदेश भी था कि नवीन दस लाख रुपये की राशि एकमुश्त राधिका को चुकाएगा। राधिका और नवीन दोनो एक ही टेम्पो में बैठकर नवीन के घर पहुंचे। दहेज में दिए समान की निशानदेही राधिका को करनी थी। इसलिए चार वर्ष बाद ससुराल जा रही थी। आखरी बार बस उसके बाद कभी नही आना था उधर। सभी परिजन अपने अपने घर जा चुके थे। बस तीन प्राणी बचे थे।नवीन, राधिका और राधिका की माता जी। नवीन घर मे अकेला ही रहता था। मां-बाप और भाई आज भी गांव में ही रहते हैं। राधिका और नवीन का इकलौता बेटा जो अभी सात वर्ष का है कोर्ट के फैसले के अनुसार बालिग होने तक वह राधिका के पास ही रहेगा। नवीन महीने में

मनोज श्रीवास्तव और सुरेश प्रताप सिंह ने माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के से ये क्या कह दिये

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  माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, भारत सरकार, मुझे किसी ने ई-मेल से यह पोस्टर भेजा है कि लखनऊ के मेन पोलिटेकनिक चौराहे पर यह पोस्टर लगा हुआ है। मैंने वहाँ जाकर नहीं देखा है कि पोस्टर लगा है या नहीं। बस मान कर चल रहा हूँ कि भेजने वाले ने सही जानकारी दी होगी। ऐसे पोस्टर लगते भी रहते हैं। इस पोस्टर में भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने का आह्वान किया गया है।  पत्र इसलिए लिख रहा हूँ कि मनोज श्रीवास्तव और सुरेश प्रताप सिंह 9 अगस्त को जंतर मंतर पर भगवा क्रांति करना चाहते हैं। आप चाहते हैं कि हम सभी तिरंगा झंडा ख़रीद कर घर-घर फहराएँ। लेकिन ये लोग तो कुछ और देश और संविधान बनाने की ताक में हैं। इनका झंडा भी तिरंगा नहीं है। कहीं ऐसा तो नहीं कि हम बाज़ार से तिरंगा लेकर आ रहे हैं और देश में झंडा ही बदल गया है।मनोज और सुरेश के आह्वान से मैं भ्रमित हो गया हूँ। मुझे एक और झंडा आता हुआ दिखाई दे रहा है जो तिरंगा से अलग है।  कृपया आप स्पष्ट करें कि हम 15 अगस्त के लिए तिरंगा झंडा ख़रीदें या नहीं? अगर ये 9 अगस्त को भगवा क्रांति कर देंगे और देश को हिन्दू राष्ट्र बना देंगे तब तो करोड़ों लोग जो तिरंगा ख़रीद

सुल्तान सलाहउद्दीन अय्यूबी ने फतेह होकर बैतुल मुक़द्दस पर इस्लाम का परचम लहरा

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  सुल्तान सलाहउद्दीन अय्यूबी पर बनने वाली सीरीज़ तीन सीज़न में प्रसारित होगी जिसमे 75% तुर्किश कलाकार और 25% पाकिस्तानी कलाकार रोल अदा करेंगे जिसका ज़्यादातर हिस्सा इस्तांबुल में शूट किया जाएगा इन तीन सीज़न में अलग अलग Time period दिखाया जाएगा पहले सीज़न में 1169 से 1174 तक का हिस्सा बताया जाएगा जब सलाहउद्दीन अय्यूबी, नूर उद्दीन जंगी की फौज में कमांडर हुआ करते थे इस दौर में सलाहउद्दीन ने इस्लामिक सामाजिक और आर्थिक सुधार किये थे फातिमी ख़िलाफत खत्म हुई थी हिजाज, यमन, सुडान, लीबिया को कब्जे में लिया था ये सीज़न नूर उद्दीन जंगी की मौत के साथ खत्म होगा। दूसरे सीज़न में 1174 से 1186 का दौर दिखाया जाएगा जिस दौर में सलाहउद्दीन अय्यूबी सलीबीयों के साथ साथ अपनी ही सफो में छुपे हुए गद्दारों से लड़ रहे थे,और मिडिल ईस्ट में political alliance बना कर सलीबियों और मंगोलो को खदेड़ा। तीसरे सीज़न में 1187 से 1193 का दौर बताया जाएगा जब सलाहउद्दीन अय्यूबी पूरी तरह से सलीबी जंगो में मसरूफ थे और जंगे हित्तीन में फतेह होकर बैतुल मुक़द्दस पर इस्लाम का परचम लहरा कर दुनियां को मुसलमानों की ताकत का लोहा मनवा दिय

मोहन भागवत जी, तिरंगा लेकर हाज़िर हों...मीडिया और विपक्ष खोज रहा है

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  मोहन भागवत जी, तिरंगा लेकर हाज़िर हों...मीडिया और विपक्ष खोज रहा है 17 जुलाई को ही अमित शाह ने कहा था कि 22 जुलाई से सोशल मीडिया पर तिरंगा की तस्वीर लगाने का अभियान चलेगा।सभी सोशल मीडिया के खाते की डिस्प्ले पिक्चर DP में तिरंगा की तस्वीर लगाए। 22 जुलाई आ गई, किसी ने कुछ नहीं किया जबकि गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्रियों से बैठक के बाद अपील की थी। संघ ने भी अमित शाह की अपील पर अपनी DP में तिरंगा की तस्वीर नहीं लगाई। प्रधानमंत्री ने भी DP  नहीं बदली न मंत्रियों ने। कई दिन बीत गए तब प्रधानमंत्री मोदी ने अपील की कि 2 अगस्त से सभी अपनी DP में तिरंगा लगाए। ऐसे में संघ प्रमुख की DP बदल जानी चाहिए थी।  कई लोग चैलेंज कर रहे हैं कि संघ तिरंगा की तस्वीर डीपी में नहीं लगाएगा। अभी के लिए यह चैलेंज सही भी है लेकिन कई दिन बाक़ी हैं। हो सकता है अगले कुछ दिन में लगा दे। सवाल यह भी होना चाहिए कि 2002 के पहले की भी कोई तस्वीर लगाए। जिससे पता चले कि 2002 के पहले संघ अपने मुख्यालय पर तिरंगा फहराता रहा है। उसके पुराने नेताओं की खूब सारी तस्वीरें होंगी।  जिस तरह से बीजेपी इस अभियान में लगाई गई है,यह कहना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्या बोलते हैं? अमित शाह ने उदाहरण नहीं दिया, क्या आप बता सकते हैं?

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  अमरीकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी ताइवान की धरती पर उतर गईं हैं। पेलोसी कांग्रेस के सांसदों के दल का नेतृत्व कर रही हैं। चीन इसे अपनी चुनौती के रूप में देख रहा है।82 साल की उम्र में ताइवान की धरती पर उतर कर चीन को आँख दिखा देना कोई साधारण घटना नहीं है। इस बार अमरीका ने अपनी तरफ़ से कदम बढ़ा दिया है। अब बारी चीन की है। चीन वेबसाइट हैक करेगा, कुछ धमाका करेगा या इस चुनौती को स्वीकार कर अमरीका से युद्ध करेगा, अभी इन सवालों के साथ आप इस पूरे खेल को प्यादे की तरह देखिए। इस खेल में हम सब प्यादे हैं। यूक्रेन अच्छा भला देश था। अमरीका के चक्कर में बर्बाद हो गया। प्रतिबंधों से रूस को ख़ास फ़र्क़ नहीं पड़ा। यूरोप की ऐसी हालत हो गई है कि जर्मनी जैसा देश जिसने कोयला से बिजली उत्पादन बंद कर दिया था, रिटायर हो चुके कर्मचारियों को खोज रहा है कि वे बंद पड़ी फ़ैक्ट्री को चालू करें और कोयले से बिजली पैदा करें। इस सर्दी में यूरोप थर-थर काँपेगा। रूस का ख़ास नहीं बिगड़ा है। हालत यह हो गई कि उसी रूस से समझौता कर यूक्रेन ने मक्के की खेप निकलवानी पड़ी है ताकि दुनिया को भूखमरी से बचाया जा सके।  क्या ताइवान दू