"मध्यपूर्व फिर सुलग उठा है..."
मध्यपूर्व अब फिर विश्व राजनीति का केंद्र बिंदु बनने की ओर है—जहां हर मिसाइल, हर राजनय, हर तेल-अनियमितता की कीमत चुकानी होगी।
आज तड़के इज़राइल ने ईरान के परमाणु केंद्रों और सैन्य ठिकानों पर भीषण हमला किया।
नाम दिया गया — Operation Rising Lion
हकीकत में यह हमला नहीं, भविष्य के विश्व समीकरणों की पटकथा है।
ईरान का नतंज़ न्यूक्लियर प्लांट और IRGC कमांड पोस्ट तबाह।
अमेरिका ने दूरी बना ली, लेकिन आग की आंच वहां तक पहुंचेगी।
तेल की कीमतें उछलीं, वैश्विक बाज़ार कांपने लगे।
मध्यपूर्व की शांति फिर से ‘संभावना’ भर रह गई है।
अब सवाल है — क्या इज़राइल ने सही किया? क्या ईरान जवाब देगा? क्या दुनिया फिर से युद्ध की कगार पर है?
भू‑राजनीतिक दृष्टि से यह हमला केवल एक देश पर नहीं,
बल्कि दुबारा हथियारों की दौड़, प्रतिशोध की राजनीति और अस्थिर वैश्विक अर्थव्यवस्था को जन्म दे सकता है।
जो लोग सोचते हैं कि "ये सब तो उधर का मामला है",
उन्हें समझना चाहिए —
मध्यपूर्व की हलचल का असर आपके पेट्रोल पंप से लेकर रसोई तक आता है।
इस संघर्ष ने सिर्फ मिसाइलें नहीं उड़ाईं,
भरोसे, कूटनीति और वैश्विक संतुलन की नींव भी हिला दी है।