जवाब दीजिए, सवाल थोड़ा कड़वा है, एक हिन्दू राजा का नाम बता दें जिसने मस्जिद…
ननजनगुड के श्रीकान्तेश्वर मन्दिर में टीपू का दिया हुआ एक रत्न-जड़ित कप है। ननजनगुड के ही ननजुनदेश्वर मन्दिर को टीपू ने एक हरा-सा शिवलिंग भेंट किया, टीपू सुल्तान की सोने की वह अंगूठी लंदन में नीलाम कर दी गई जिस पर ‘राम’ लिखा है और टीपू की शहादत के वक्त उनके मृत शरीर से 43 ग्राम की इस अंगूठी को अंग्रेजों ने निकाल लिया था।
क्रिस्टीज़ नीलामी घर ने सोने की इस अंगूठी को एक लाख 45 हजार पाउंड में बेचा मगर जिस देश में मोदी का सूट 5 करोड़ में नीलाम हुआ उस देश से कोई भारतीय धन्नासेठ इसे खरीदने नहीं पहुंचा।
इलाहाबाद में संगम के किनारे अकबर के किले में आज भी अक्षय वट मंदिर है जिसमें महारानी जोधा पूजा करती थीं।सरकारी दस्तावेज देखिए तो आप पाएँगे कि नवाब आसिफुद्दोला की दी हुई ज़मीन और मदद से योगी जी का “गोरखनाथ” मंदिर बना।
अलाउद्दीन खिलजी और अन्य बादशाहों का मन्दिरों के निर्माण का इतिहास और प्रमाण लिखने लगूँ तो पोस्ट लम्बी हो जाएगी इसलिए फिलहाल यह तीन चार बादशाहों का उदाहरण काफी है। अब आप इस देश के सैकड़ों हिन्दू राजाओं के महलों और किलों में या बाहर कहीं भी एक भी ऐसा उदाहरण बताईए जहाँ उन्होंने एक “मस्जिद” बनाई हो। सिर्फ एक उदाहरण बताईए। बाकी सहिष्णु तो है ही।
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